कोसी को समर्पित
मित्रो यह स्तुति सन् १९९९ में नर्मदा की बाढ़ के समय लिखी थी कोसी को समर्पित कर रहा हूँ आशा है जल्दी शान्त होगी।
सुनिये
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
ये तेरे विकराल रूप से मच गई ता ता थैया।।
खतरे को एलान सुनो सब निकर निकर के भागे
जित देखो उत पानी पानी महाप्रलय सो लागे।
देखत देखत घरई डूब गओ छत पै चल रई नैया।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
देख जरा वीरान हो गये ये तेरे तट वाले
भर बारिश में बेघर हो गये खाने के भये लाले
राशन पानी गओ पानी में बह गये नगद रुपैया।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
डूबे खेत सबई किसान की भई पूरी बरबादी
सड़ गये बिन्डा अब हुइहै कैसे बिटिया की शादी
थालत भैंस कितै बिल्ला गई कितै दुधारू गैया।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
कछू पेड़ पर सात दिनों से बैठे भूखे प्यासे
डरे डरे सहमे सहमे से बच्चे पूछें माँ से
कहाँ चलो गओ कक्का अपनों कहाँ चलो गओ भैया।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
हेलीकाप्टर को एरो सुन करके बऊ घबरा रई
कह रई बेटा मोहे लगत है मनों मौत मँडरा रई
सांप देख नत्थू चिल्लानो हाय दैया हाय दैया।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
अबहिं अबहिं तो भओथो गरमी में गोपाल को गोनों॔
नओ सुहाग को जोड़ा बह गओ और दहेज को सोनो
बाढ़ शिविर में सिमटी सिमटी बैठी नउ दुल्हैया।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
बुरे फसे पोलिंग आफीसर चिन्ता घर वालों में
डरे रिटर्निंग आफीसर से घुसे नदी नालों में
पीठासीन बागरा पहुंचो पेटी सोन तलैया।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
रात दिना सेवा में लग गये बचे पड़ोसी सारे
विपदा में भी राजनीति दिखला रहे कुछ बेचारे
चार पुड़ी में वोट मांग रहे यै नेता छुटभैया ।
मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया ।
शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
1 Comments:
badhiya prathana hai . koshi ji jarur fariyaad sunegi. dhanyawad,
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