Tuesday, May 19, 2009

धरती माता

धरती माता
धन्य धन्य हे धरती माता
तुमसे ही जग जीवन पाता।.
धन्य धन्य हे धरती माता ।।
पृथिवी धरणी अवनि भू धरा
भूमि रत्नगर्भा वसुन्धरा
गन्धवती क्षिति शस्य श्यामला
जननी विविध नाम विख्याता।।
धन्य धन्य हे धरती माता ।।
अन्न पुष्प फल वृक्ष मनोहर
सरित सरोवर सागर निर्झर
स्वर्ग छोड़ करके ईश्वर भी
तेरी ही गोदी में आता।।
धन्य धन्य हे धरती माता ।।
जल पावक समीर आकाशा
गन्ध रूप रस शब्द स्पर्शा
सब पदार्थ तेरे आँचल में
जो जन जो चाहे पा जाता।
धन्य धन्य हे धरती माता ।।
शास्त्री नित्यगोपाल कटारे

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