Tuesday, April 03, 2007

पार्षद, पुलिस और पिटाई

पार्षद, पुलिस और पिटाई
पुलिस की पिटाई से प्रताड़ित पार्षद, पैरों में पट्टी बाँधे हुए प्रात: पंडित जी के पास पहुँच कर प्रणाम करके पूछने लगे- । हे पंडित प्रकाण्ड कृपा पूर्वक हमारी जन्म पत्रिका को पढ़कर बताइये कि इसमें ऐसे कौन से क्रूर ग्रह हाथ धोकर पीछे पड़े हैं? जो परम पवित्र प्रजातांत्रिक पद्धति से, निष्पाप भावना के साथ, मतदान रूपी पुण्य कार्य करते हुए, पुलिस की पिटाई से हम इस दुर्गति को प्राप्त हुए?
वे जानते थे कि पं० विपन्न बुद्धि ज्योतिष के मामले में प्रकाण्ड विद्वानों में किसी से कम नहीं हैं। कौन कौन से पाप ग्रह वक्र दृष्टि से किस राशि को घूर रहे हैं? कौन सा उच्च राशि का ग्रह नीच राशि में किस तरह प्रवेश कर रहा है? यह उनको नंगी आँखों से बिल्कुल साफ साफ दिखाई देता है। इसी आधार पर वे भैंस गुमने से लेकर प्रधानमंत्री के कार्य काल तक की भविष्य वाणी कर डालते हैं। चुनाव प्रकरण में तो वे हारने या जीतने का दावा करने में सिद्धहस्त हैं।
कौन ग्रह किसकी छाया में पड़ रहा है? ऐसी स्थिति में कौन किसको पटकनी दे देगा? वे कुण्डली चक्र खींचकर बड़े सूक्ष्म ढंग से विवेचना करते हैं। इसके कारणों पर भी प्रकाश डालते हैं।
पार्षद गण भी इस पिटाई के कारणों पर प्रकाश डलवाने के लिये पं० विपन्न बुद्धि के पास आये थे। उनका कहना था कि पुलिस के पास डण्डा, चोर बदमाशों के लिए होता है किन्तु उन पर तो पड़ ही नहीं रहा, ऊपर से हम जैसे साहूकारों पर कैसे पड़ा? इस गूढ़ रहस्य को प्रकट करने का प्रयास कीजिये।
विपन्न बुद्धि ने प्रसन्नता पूर्वक अपने पुराने पोथी पत्रा निकाले और लगे उँगलियों पर गिनने, मेष, वृषभ, मिथुन..............।
अन्तर्दशा, महादशा आदि निकाल कर पार्षदों की पिटाई प्रकरण पर कुछ इस तरह से भविष्य कथन करने लगे-
हे पीड़ित पार्षद गण! इस पृष्ठ भूमि में तुम्हारा कुछ भी दोष नहीं है।, यह तो ग्रह नक्षत्रों के परिभ्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों का परिणाम है। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से इस सहस्राब्दी के प्रारम्भ में कन्या राशि पर राहु और केतु की वक्र दृष्टि पड़ रही है। और कन्या राशि में 'प` अक्षर प्रमुख होता है, इस लिए 'प` अक्षर से प्रारम्भ होने वाले पदों पर प्रतिपल प्रभाव पड़ने की प्रबल संभावना बनती है। प्रजातंत्र, प्रतिनिधि, पंच, पार्षद, पत्रकार, प्राचार्य, प्राध्यापक, पर्यटक और प्रगतिशील लेखक आदि प्रमुख पदों पर प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों के लिए यह वर्ष प्रताड़ना देने वाला होगा। कन्या राशि को कन्या राशि के द्वारा ही प्रताड़ित होने का योग है। अब पुलिस की भी कन्या राशि है, पब्लिक की भी कन्या राशि है, और पिटाई की भी। इसलिए उपर्युक्त राशि वालों की पुलिस या पब्लिक द्वारा पिटाई का महायोग बनता है।
अब चूँकि भारत की पब्लिक अभी पूर्ण प्रबुद्ध नहीं हुई है अत: यह परम पुनीत कार्य फिलहाल पुलिस को ही सम्पन्न करना पड़ेगा। अत: हे पार्षद गण! आप अपनी पुलिस पिटाई को विधि का विधान समझ कर सहन करो, और अपने अन्त:करण को पवित्र करने का प्रयास करो। अभी कुछ दिन पहले अपने प्रदेश के प्रधान नेता से मिलने जा रहे सोहागपुर के पार्षदों को भी किसी बहाने पुल के पास पटक दिया, बेचारे दर्शन की तमन्ना लिए अस्पताल में पड़े हैं।
अभी तो पंचायत के चुनाव होने हैं, उसमें भी यत्र तत्र पिटाई का योग सुस्पष्ट दिखाई दे रहा है। कई पुराने पंचों को चुनाव पार्टी से पिटने का योग है तो कई प्रतिनिधियों को अन्य प्रतिनिधियों द्वारा पिटने की संभावना दिखाई देती है। पीठासीन और पोलिंग आफीसरों को पोलिंग एजेंटों से पिटने के लिए अपनी पीठ को पुष्ट कर लेना चाहिए और हनुमान चालीसा आदि के पाठ करने से कुछ रक्षा की उम्मीद की जा सकती है। अब रहा तुम्हारा दूसरा प्रश्न- कि चोरों को पुलिस का डण्डा क्यों नहीं पड़ रहा? सो उसका विश्लेषण करने पर पता चलता है कि ज्योतिष का एक सूत्र है 'द च मीन
` अर्थात 'द` अक्षर और 'च` अक्षर की मीन राशि होती है।
इस हिसाब से चोरों की मीन राशि बनती है और प्रदेश की कुण्डली के केन्द्र में गुरु भी मीन राशि का बैठा है। अत: गुरु को चोरों का और चोरों को गुरु का संरक्षण मिलना स्वाभाविक है। ऐसी परिस्थिति में चोरों, चमचों, चालाक, चुगलखोरों, चापलूसों, चालबाज, चालू पुर्जा और चौधराहट वालों को अपने अपने कार्यों में अत्यधिक सफलता मिलने से कोई नहीं रोक सकता। अत: आप लोग शान्तचित्त होकर अनुकूल अवसर की प्रतीक्षा कीजिये। पं० विपन्न बुद्धि का ज्योतिषीय विश्लेषण सुनकर पार्षद गण परम संतुष्ट होकर अपने पीड़ित अंगों में पुन: पट्टी बँधवाने अस्पताल की ओर प्रस्थान कर गए।
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