जनता है ये सब जानती है
जिसको न्यायाधीश न जाने
चोर लुटेरे भृष्टाचारी
घूम रहे सब सीना ताने
गफलत में मत रहना ये
सबकी रग रग पहिचानती है
जनता है ये सब जानती है
किसने है ये सड़क बनाई
किसने कितनी करी कमाई
किसने किना डामर खाया
किसने कितनी गिट्टी खाई
किसको कितना मिला कमीशन
किसने केसे दी परमीशन
सौ करोड़ का रोड बन गया
देखो तो इसकी कंडीशन
थोड़ी सी मुट्टी खुदवा दी
ऊपर थोड़ी मुरम बिछा दी
ताबड़ तोड़ चले बुल्डोजर
एक इंच गिट्टी टपका दी
ऐसी कैसी डेमोक्रेशी
जनता की भई ऐसी तैसी
ट्राफिक जाम रहा छः महीने
सड़क रही वैसी की वैसी
अन्दर ज्वाला भड़की
बाहर स्मशान की शान्ति है
किसने जनता को पिटवाया
किसने मुद्दों से भटकाया
किसने गाली दी सन्तों को
किसने लोकपाल लटकाया
किसने खेल खेल में खाया
टू जी स्पेक्ट्रम की माया
राजा को केवल दस प्रतिशत
नब्बे प्रतिशत किसने खाया
किसने किया खजाना खाली
भर दी बैंक विदेशों वाली
किसने किसने जमा रखी है
कितनी कहाँ कमाई काली
एक बार उठ खड़ी हुई तो
नहीं किसी की मानती है
जनता है ये सब जानती है।
आओ बदलें सोच पुरानी
कोउ नृप होय हमें का हानी
उठो क्रान्ति की कलम उठाकर
प्रजातन्त्र की लिखें कहानी
जनता प्रजातन्त्र की रानी
राजा कुँवर भरेंगे पानी
बड़े बड़े तानाशाहों को
पल में याद दिला दी नानी
अब तो तनिक बड़े हो जायें
तेवर जरा कड़े हो जायें
अन्ना रामदेव के पीछे
मिलकर सभी खड़े हो जायें
पहले भ्रष्टाचार मिटायें
सारा पैसा वापस लायें
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई
मिलकर इनको सबक सिखअयें
दिल्ली दे जन्तर मन्तर से
शुरू हो गयी क्रान्ति है
जनता है ये सब जानती है।